Monday 29 October 2012

बिहार की बेटी को बचाओ, नवरुणा को जल्दी लौटाओं


नवरूणा की सकुशल रिहाई के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र प्रदर्शन करते हुए 
आजकल बिहार की धरती फिर से गुंडाराज के नज़ारे देखने को मजबूर हो रही है। बिहार में हाल के दिनों में  लगातार अपहरण, हत्या, लुट, बलात्कार, चोरी , छिनतई जैसी घटनाओं में एकाएक बढ़ोतरी हो गयी है। दुर्भाग्य है कि एकतरफ बिहार में प्रशासनिक व्यवस्था चौपट हो गयी तो दूसरी तरफ इन सबसे बेखबर सुशासन सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री बनने के ख्वाब देखने में व्यस्त है।

पिछले दिनों बिहार सरकार ने मधुबनी में हुए हत्या की गुत्थी सुलझाने में देर लगायी और जिसके   परिणामस्वरूप भड़की हिंसा में  2 लोगो को अपनी जान  देनी पड़ी। जिस प्रकार की प्रशासनिक उदासीनता मधुबनी कांड में देखने को मिली वैसी ही उदासीनता मुजफ्फरपुर से गत 18 सितंबर को अपहृत की गयी 11 वर्षीय  नवरूणा के अपहरण के मामले में भी दिख रहा है। मुजफ्फरपुर के जवाहरलाल रोड में रहने वाली और  सेंट जेवियर्स स्कूल की छात्रा नवरुणा का अपहृत हुए 40 दिन हो गए, लेकिन उसका  अब तक कोई पता नहीं चला है। नवरुणा कहां और कैसी है, इसको लेकर सभी चिंतित हैं। मां-बड़ी बहन नवरुपा की आंखें बेसब्री से इंतजार कर रही हैं।  ह्रयद रोगी पिता अतुल्य चक्रवर्ती परेशान हैं।

शुरूआती जाँच में पता चलता है कि अपहरण में भूमि विवाद और भू-माफियाओं के हाथशामिल है। लेकिन फिलहाल कोई ठोस नतीजे सामने नहीं हैं। 

मधुबनी के मामले की तरह  नवरूणा के मामले को भी प्रेम प्रसंग से जोड़कर पहले तो पुलिस उसकी बरामदगी की मांग पर आनाकानी करती रही और स्थानीय खुफिया अधिकारी की नवरूणा के अपहरण कर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने संबंधी सक्रियता के बाद उसे बदल दिया।  लेकिन बाद में जब जनदबाब बढ़ा तो अब  पूरा सरकारी महकमा सक्रीय होने का सिर्फ ढोंग रच रहा है। इन सबके बाबजूद अपहरण के 41 दिन बीत जाने के बाद भी नवरूणा की सकुशल घर वापसी पुलिस सुनिश्चित नहीं करवा पाई है।

मुजफ्फरपुर में अपहरण की कोई यह नयी घटना नहीं है। इससे पहले भी कई घटना की गवाह मुजफ्फरपुर रहा है जिसमे प्रशासन की लापरवाही की भेंट आम जनता को अपनी जान  गवांकर चुकानी पड़ी है। पिछले ही दिनों(2 अक्टूबर) काँटी में बिजली की मांग को लेकर जारी विरोध के समय भी प्रशासन का यही रुख रहा था,. पहले तो विरोध को नजरंदाज किया गया बाद में जब जनता का आक्रोश बाधा तो पुलिस लाठीचार्ज और फायरिंग की घटना हुयी और कई लोग घायल हुए थे।  

लेकिन जिस प्रकार की उदासीनता नवरूणा के मामले में पुलिस और सरकार दिखा रही है, उससे यह स्पष्ठ हो गया है कि  सरकारी व्यवस्था अपराधियों के चंगुल से अभीतक नहीं निकल पाई है और मुजफ्फरपुर की धरती फिर से गोलू के अपहरण और फिर उसकी हत्या से उपजे दर्दनाक हालात से जूझने को दुबारा मजबूर दिख रही है। ( देखे - http://t.co/lekCZdQO) चार वर्षीय मासूम गोलू के अपहरण के समय भी सरकारी उदासीनता के नज़ारे देखने को मिले थे, जिसके बाद गोलू की हत्या कर दी गयी। गोलू की हत्या की खबर से पुरे देश में आक्रोश की लहर पैदा हो गयी थी। संसद से सड़क तक आन्दोलन हुए। मुजफ्फरपुर में हत्याकांड के विरोध में जब प्रदर्शन आयोजित हुआ तो हिंसक भीड़ बेकाबू हो गयी, जिसके बाद पुलिस लाठीचार्ज में सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 20 से अधिक लोग मारे गए थे। क्या सरकार फिर से यही स्थिति मुजफ्फरपुर में पैदा करना चाहती है ?

दुर्भाग्य तो यह है कि मीडिया अबतक इस मुद्दे पर खामोश है या यु कहे की नीतीश के राज में हो रही इस प्रकार की घटनाओं के सम्बन्ध में लिखने की ताकत नहीं बची। पुलिस मात्र आश्वासन देने में व्यस्त है (देखे- http://www.jagran.com/bihar/muzaffarpur-9779731.html ).  

नवरूणा की सकुशल रिहाई के लिए न केवल मुजफ्फरपुर में बल्कि पुरे देश में आन्दोलन की आग सुलग रही है। पिछले दो दिनों से मुजफ्फरपुर में जब स्थानीय लोगो ने विरोध जताना शुरू किया है, तबसे पुलिस और प्रशासन सक्रीय होने लगी है। राष्ट्रीय स्तर पर भी नवरूणा के लिए आवाज़ उठनी शुरू हो गयी है। 

इसी विरोध के क्रम में कल "बिहार पुलिस- आश्वासन नहीं, नवरूणा चाहिए", "बिहार में सुशासन सरकार, हत्या-चोरी और बलात्कार", "बिहार की बेटी को बचाओ, नवरुणा को जल्दी लौटाओं " के नारे के साथ मुजफ्फरपुर के छात्रों सहित अनेक विद्यार्थीयों ने दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैम्पस स्थित विवेकानंद मूर्ति के समीप कैंडल मार्च और विरोध प्रदर्शन आयोजित कर नवरूणा के अपहरण पर अपना विरोध जताया एवं उसकी सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करवाने की सरकार से  मांग की। 

कैंडल मार्च में उपस्थित छात्रों ने मानवाधिकार आयोग और बाल आयोग जाने का भी निर्णय लिया है. साथ ही अगले २-३ दिनों में अगर अपहरणकर्ताओं के चंगुल से नवरूणा को रिहा करवा पाने में प्रशासन विफल रहता है तो बिहार भवन का भी घेराव किया जायेगा.

दिल्ली में पढने वालें मुजफ्फरपुर सहित पुरे बिहार के छात्र इस घटना से अत्यंत दुखी है। बिहार में बढ़ते हत्या, बलात्कार और अपहरण की घटना न केवल चिंताजनक है। हम सभी सरकार से मांग करते  है कि आम बिहारियों कि सुरक्षा सरकार सुनिश्चित करें। 


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